कोरोना का खतरा: चीन में 35 दिनों में 60000 मौतें, गांवों में मचेगा हाहाकार

कोरोना का खतरा: चीन में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही भारत, जापान और अमेरिका जैसे देशों में भी नई लहर की चेतावनी है। इसी बीच चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी हटाने के बाद पहली बार कोरोना से हुई मौतों का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया। चीन की हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार, 8 दिसंबर से 12 जनवरी तक 60 हजार लोगों की मौत हुई। मरने वाले में अधिकतर की लोगों की उम्र 65 साल से ज्यादा थी।

चीन में कोरोना से 35 दिनों में 60000 मौतें हुईं।

इधर, चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, 11 जनवरी तक देश की 64% आबादी यानी 90 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि गांसु प्रांत की 91% आबादी, हेनान प्रांत की 89% आबादी, युनान की 84% आबादी और किंघाई प्रांत की 80% आबादी संक्रमित है।

 

कोरोना का खतरा: वहीं भारत में शुक्रवार को 181 नए मामले सामने आए। एक मौत दर्ज की गई। हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी 1,254 एक्टिव केस हैं। कोरोना के शुरुआती दौर से अब तक देश में 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

 

कोरोना का खतरा: गौर करें तो चीन ने 8 जनवरी को तीन साल से बंद अपने सभी बॉर्डर को खोल दिए। इसके बाद से 4 लाख से ज्यादा लोगों चीन आए और यहां से दूसरे देश गए। लोगों के लिए क्वॉरंटीन का प्रोटोकॉल भी खत्म कर दिया गया। एक अधिकारी ने कहा- 8 जनवरी से 12 जनवरी के बीच 4 लाख 90 हजार एंट्री और एग्जिट ट्रिप हुईं। इसमें से 2 लाख 50 हजार लोग चीन आए और 2 लाख 40 हजार लोग चीन से दूसरे देश गए।

 

ये जीरो कोविड पॉलिसी हटाए जाने से पहले की अवधि से 48.9% ज्यादा है। चीन में लूनर न्यू ईयर 21 जनवरी से शुरू हो जाएगा। ऐसे में अगले 40 दिन में देश में 200 करोड़ लोगों के आने-जाने की संभावना है। WHO ने भी चीनी नियू ईयर पर संक्रमण के तेजी से फैलने की चेतावनी दी थी।

 

उधर चीन के ही हेल्थ एक्सपर्ट जेंग गुआंग ने दावा किया कि कोरोना का पीक 2 से 3 महीने तक रहेगा। गुआंग के मुताबिक, कोरोना अब वहां के गांवों में भी कहर ढाएगा। गांव में कोरोना के फैलने की वजह चीन में 21 जनवरी से शुरू होने वाली लूनर न्यू ईयर की छुट्टियों को बताया है।

 

गुआंग की मानें तो चीन में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अभी तक शहरों पर फोकस किया गया है। अब समय आ गया है कि गांवों की ओर भी ध्यान दिया जाए। लूनर न्यू ईयर की छुट्टियों लोग अपने गांव में जाकर समय बिताते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, शहरों के लोग कोरोना को गांव तक लेकर जाएंगे। वहां स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण हालात और भी खराब होंगे।

 

चाइना कम्युनिस्ट पार्टी पर नजर रखने वाली ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट जेनिफर जेंग के मुताबिक संक्रमण गांव में फैलने लगा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा- शहरों में श्मशानों के बाहर गाड़ियों की लाइन लगी रहती है। लेकिन गांव में ऐसा नहीं है, यहां लोग श्मशानों के बाहर ताबूत में शवों को लेकर लाइन में लगे हैं।

 

जापान टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 जनवरी को 1 लाख 44 हजार 77 मामले दर्ज किए गए। राजधानी टोक्यो में 11,241 मामले सामने आए। मौत का कुल आंकड़ा 480 रहा। 695 नए लोग अस्पताल में भर्ती हुए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जापान में 15 जनवरी के बाद कोरोना के मामलों में उछाल आ सकता है।

 

जर्मनी में 2 फरवरी से ट्रेन और बसों में सफर के दौरान मास्क पहनना जरूरी नहीं होगा। हेल्थ मिनिस्टर कार्ल लौटरबैक ने बताया कि जर्मनी में संक्रमण काफी कम हो गया है और हालात सुधर रहे हैं। लौटरबैक ने नागरिकों को वॉलंटरी बेसिस पर मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया है।

 

बता दें कि worldometer के मुताबिक, दुनिया के 64 करोड़ 16 लाख 8 हजार 915 लोग कोरोना से ठीक चुके हैं।

दुनिया में अब तक 67 करोड़ 5 लाख 62 हजार 18 मामले सामने आ चुके हैं। 11 जनवरी 2020 को चीन के वुहान में 61 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। ये दुनिया में कोरोना से होने वाली पहली मौत थी। इसके बाद मौत का सिलसिला बढ़ने लगा। अब तक 67 लाख 24 हजार 996 मौतें हो चुकी हैं।

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