छठ महापर्व आज से, नहाए खाए के साथ व्रर्तियों ने किया पहले दिन की शुरुआत

रांची:शुद्धता सात्विकता के साथ नेम निष्ठा और परंपरिकता से युक्त संसार का सबसे कठिन सूर्य उपासना लोक आस्था का कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी से चार दिवसीय महापर्व छठ व्रत की शुरुआत नहाए खाए यानी लौकी भात के साथ शुरू हो चुकी है. यह महापर्व विशेष तौर पर बिहार-झारखंड के साथ अब पूरे देश भर में शुद्ध अंतःकरण के साथ मनाया जा रहा है. भगवान सूर्य की उपासना इस महापर्व में की जाती है और यह महापर्व मानवीय जीवन शैली के सामाजिक पहलुओं को दर्शाता है इस पर्व में उपवास की विशेष महत्व होती है जो वर्ती मे आंतरिक शक्ति का संचार करती है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आज 5 नवंबर को सूर्य उपासना करने वाले वर्ती नहाए खाए से इसकी शुरुआत कर रहे हैं. सात्विकता और शुद्धता के साथ चूल्हे के पूजन कर भोजन बनाती है. नहाए खाए के दिन भोजन में विशेष तौर पर कद्दू की सब्जी का महत्व होता है. छठ वर्ती यथाशक्ति बनाए गए भोजन को ग्रहण कर इस व्रत का प्रारंभ किया. साथ ही नहाए खाए के दिन बनाए गए इस भोजन को एक प्रकार से प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्य और इष्ट मित्रों ने भी इसे ग्रहण किया.

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