बढ़ती मंहगाई को देखते हुए गेहूं के बाद अब भारत सरकार ने चीनी निर्यात पर भी लगाई पाबंदी

चीनी निर्यात पर लगी रोक

नई दिल्ली: देश में बढ़ती मंहगाई को रोकने के लिए भारत सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। गेहूं के बाद अब चीनी के निर्यात पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने चीनी निर्यात को 100 लाख टन तक सीमित करने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से ये फैसला  चीनी की बढ़ती कीमत को रोकने और देश में इसकी सुचारू सप्लाई जारी रखने के लिए  लिया गया है। यह पाबंदी 1 जून से अगले आदेश तक लागू रहेगी।

अब चीनी निर्यातकों को एक जून के बाद चीनी निर्यात के लिए सरकार से एक्सपोर्ट रिलीज ऑर्डर के रूप में मंजूरी लेनी होगी। बताया जा रहा है कि देश में चीनी के स्टॉक को लेकर  अभी कोई चिंता नहीं है लेकिन एहतियात के तौर पर ये कदम उठाया गया है क्योंकि इस साल चीनी का निर्यात बीते 6 सालों में सबसे ज़्यादा हुआ है। 6 सालों में पहली बार चीनी के निर्यात पर रोक लगाई गई है। सरकार अपने पास कम से कम दो से तीन महीने का अतिरिक्त चीनी स्टॉक रखना चाहती है जिससे घरेलू मांग को पूरा किया जा सके।

ज्यादा निर्यात होने के कारण देश में चीनी की कीमत में इजाफा देखने को मिला था। बीते साल चीन की कीमत में 2 रुपये प्रतिकिलो की बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन अब सरकार किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है। इसलिए चीनी के निर्यात पर रोक लगायी गई है।

बता दें कि पूरी दुनिया में भारत चीनी निर्यात के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश है। ब्राजील दुनिया का पहला बड़ा चीनी निर्यात करने वाला देश है। भारत से सबसे ज्यादा चीनी इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देश खरीदते हैं।

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