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डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत को लपेटा, गुलाम नबी आजाद से की तुलना
राजस्थान में कांग्रेस संगठन और सरकार की खींचतान के बीच सचिन पायलट ने अशोक गहलोत पर फिर हमला बोला है। उनकी तुलना जीएन आजाद से की।
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर फिर हमला बोला है। पायलट ने कहाकि पीएम मोदी ने गहलोत की जिस तरह तारीफ की, उस पर तंज कसते हुए पायलट ने यहां तक कह दिया कि मोदी ने गुलाम नबी आजाद की भी इसी तरह तारीफ की थी, बाद में क्या हुआ सब जानते हैं। वहीं पायलट के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करना चाहिए।
उधर, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने गहलोत के रुख का समर्थन किया है, जिसे कांग्रेस ने ट्वीट किया है। पायलट के तंज के सवाल पर सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी ने वहां पर कहाकि अशोक गहलोत सबसे अनुभवी सीएम हैं, यह सच है कि वे अनुभवी हैं। लेकिन अशोक गहलोतजी ने जब इसी मंच से पूरी जनसभा में कहा कि मोदीजी की विदेशों में इज्जत इसलिए है कि वे गांधी, अंबेडकर, नेहरू के देश से आते हैं। जहां लोकतंत्र की जड़ें 70 साल बाद भी जिंदा हैं। गहलोत ने जनसभा में मोदी को एक तरह से आईना दिखाया है।
गौर करें तो बुधवार को जयपुर में पायलट ने कहा- प्रधानमंत्री ने कल जो तारीफ की, मैं समझता हूं, वह बड़ा दिलचस्प डेवलपमेंट है। इसी तरह प्रधानमंत्री ने सदन के अंदर गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी, उसके बाद क्या घटनाक्रम हुआ, वह हम सबने देखा है। इसे इतना लाइटली नहीं लेना चाहिए।
पायलट ने कहा- तीन लोगों को नोटिस दिए गए, नोटिस के बाद यह जानकारी में आया है कि जवाब दिए गए हैं। हमारी पार्टी अनुशासित है, इस पार्टी में हम सबके लिए नियम-कायदे बराबर हैं। नोटिस पर भी शीघ्र निर्णय लिए जाने चाहिए, कानून, अनुशासन सब पर लागू है। खड़गे जी ने पदभार संभाला है, ऐसा तो हो नहीं सकता कि अनुशासनहीनता मानी गई हो और उस पर निर्णय नहीं लिया जाए।
सचिन पायलट ने CM बदलने की चर्चाओं पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा- राजस्थान के संदर्भ में निर्णय लेने की जो बात है तो केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। हम सब चुनाव में लगे हुए हैं, जल्दी ही गुजरात के चुनाव की घोषणा भी हो जाएगी। अनुशासन के मामले भी वेणुगोपाल के संज्ञान में है। राजस्थान में यह जो अनुशासनहीनता का मामला बना हुआ है, इस पर जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
पायलट ने कहा- किस को किस पद पर बैठाना है, क्या जिम्मेदारी देनी है, इसका निर्णय भी AICC लेगी। चुनाव में केवल 13 महीने का समय बचा है। जो भी निर्णय लेने हैं, कदम उठाने हैं, वह कार्रवाई विधायक दल की बैठक के तौर पर भी नहीं हो सकी थी। अभी चुनाव भी चल रहे हैं, इंपॉर्टेंट चुनाव हैं। दोनों राज्यों में हम जीत हासिल कर रहे हैं।
इस बयान पर अलवर में गहलोत ने पायलट को नसीहत भी दे दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए। संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने एडवॉइजरी जारी कर कहा था कि बयानबाजी न करें। अभी हमारा फोकस महंगाई, हिंसा, तनाव जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का होना चाहिए। हमारा ध्येय यही है कि अगली बार हम राजस्थान में सरकार बनाएं।
पीएम मोदी के गहलोत की तारीफ करने पर सचिन पायलट के तंज पर कांग्रेस ने रुख साफ करते हुए पायलट के स्टैंड का साथ नहीं दिया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने गहलोत के रुख का समर्थन किया है जिसे कांग्रेस ने ट्वीट किया है।
मोदी के गहलोत की तारीफ पर पायलट के तंज के सवाल पर सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी ने वहां पर कहा कि अशोक गहलोत सबसे अनुभवी सीएम हैं, यह सच है कि वे अनुभवी हैं। लेकिन अशोक गहलोतजी ने जब इसी मंच से पूरी जनसभा में कहा कि मोदीजी की विदेशों में इज्जत इसलिए है कि वे गांधी, अंबेडकर, नेहरू के देश से आते हैं। जहां लोकतंत्र की जड़ें 70 साल बाद भी जिंदा हैं। गहलोत ने जनसभा में मोदी को एक तरह से आईना दिखाया है।
कल बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में हुई सभा में CM अशोक गहलोत और पीएम मोदी ने मंच साझा किया था। PM मोदी ने कल CM गहलोत को मुख्यमंत्रियों में सीनियर बताते हुए एक तरह से उनकी तारीफ की थी। CM गहलोत और PM मोदी ने कल मानगढ़ में करीब 10 मिनट तक अकेले में चर्चा भी की थी। PM मोदी ने कहा था- अशोकजी हमारे सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं। हम साथ काम कर चुके हैं।
सचिन पायलट ने अशोक गहलोत पर पहली बार सीधा अटैक किया है। अब तक पायलट समर्थक ही गहलोत खेमे को घेरते रहे हैं। आज पहली बार सचिन पायलट ने उनकी तुलना गुलाम नबी आजाद से कर दी। सचिन पायलट के इस बयान से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस में अब खींचतान और बढ़ेगी। यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब सियासी बवाल के जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ एक्शन का इंतजार है।
सचिन पायलट के बयान की सियासी हलकों में खूब चर्चाएं हो रही हैं। गहलोत पर सीधा हमला करने के बाद अब बयानबाजी का दौर तेज होगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सचिन पायलट के बयान के पीछे बड़ी सियासी वजह हो सकती है। राजस्थान में सत्ता-संगठन में होने वाले बदलावों को लेकर इस बयान को अहम माना जा रहा है। अब तक चुप रहे पायलट का सीधा CM पर अटैक के पीछे दो ही वजह मानी जा रही हो। पहली, उन्हें हाईकमान से बड़ी जिम्मेदारी मिलने का इशारा हो। दूसरी, वे प्रेशर पॉलिटिक्स का सहारा ले रहे हों।
जलदाय मंत्री महेश जोशी ने सचिन पायलट के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि यह तो वही बात है कि बुत हमको कहे काफिर, यह अल्लाह की मर्जी है। इसके बाद कहने को कुछ रह नहीं जाता है। मुझे नोटिस मिला, उसका जवाब दिया। अभी तक हाईकमान से केवल नोटिस देने मात्र से कोई दोषी साबित नहीं हो जाता। अभी तक हाईकमान से कोई कार्रवाई का संकेत नहीं मिला। जोशी ने यहां बुत शब्द का इस्तेमाल पायलट खेमे के लिए किया है।