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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चुनाव लड़ने की संभावना से किया इनकार
चुनाव रणनीतिकार और राजनीतिक नेता प्रशांत किशोर ने खुद के चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार किया, लेकिन अपने गृह राज्य बिहार के लिए एक ‘‘बेहतर विकल्प’’ बनाने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराई। पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में प्रशांत किशोर ने उन्हें ‘धंधेबाज़’ बताने वाले जनता दल यूनाइटिड के नेताओं पर पलटवार करते हुए कहाकि उन्हें अपनी पार्टी के शीर्ष नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछना चाहिए कि उन्होंने “मुझे दो साल के लिए अपने निवास पर क्यों रखा था।”
बता दें कि जदयू नेताओं ने किशोर पर आरोप लगाया था कि वह‘‘धंधेबाज़’’ हैं और उनके पास राजनीतिक कौशल नहीं है।
‘आईपैक’ के संस्थापक से बार-बार पूछा गया कि क्या वह खुद चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं चुनाव क्यों लड़ूंगा, मेरी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है।’’
गौर करें तो प्रशांत किशोर पश्चिम चंपारण के जिला सम्मेलन में नागरिकों की राय जानेंगे कि क्या ‘‘जन सुराज’’ अभियान को राजनीतिक दल में बदला जाए या नहीं।
किशोर राज्य की 3500 किलोमीटर लंबी पद यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में इसी तरह से जनता से राय ली जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘अगर मैं नीतीश कुमार के राजनीतिक उद्यम में शामिल हो जाता हूं तो वह एक बार फिर से मुझ पर मेहरबान दिखेंगे। चूंकि मैंने अपने लिए एक अलग रास्ता चुना, इसलिए वह और उनके समर्थक मुझसे नाखुश हैं।”
किशोर ने जदयू के नेताओं पर प्रहार करते हुए कहा कि उन्हें नीतीश कुमार से पूछना चाहिए “अगर मेरी कोई राजनीतिक समझ नहीं थी तो मैं दो साल तक उनके आवास पर क्या कर रहा था।”
एक प्रश्न के उत्तर में किशोर ने कहा कि उन्हें अतीत में कुमार के लिए काम करने का पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि कुमार 10 साल पहले जो थे और जो अब हैं, उनमें बहुत अंतर है।
किशोर ने दावा किया, “ उन्होंने (कुमार ने) 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर अपनी कुर्सी छोड़ दी थी। अब वह सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार हैं।”
उन्होंने महागठबंधन सरकार के एक साल में 10 लाख नौकरियों के वादे का उपहास उड़ाते हुए कहा, ‘‘मैंने इसे कई बार कहा है और मैं इसे फिर से कहता हूं। अगर वे वादा पूरा करते हैं तो मैं अपना अभियान छोड़ दूंगा।’’
किशोर ने चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य है, “हमारे मुख्यमंत्री को यह एहसास क्यों हुआ कि वह 10 लाख नौकरियां प्रदान कर सकते हैं। ऐसा लगता है कि उनके पास कुछ अवतरित हुआ है।”