रूस के मिसाइल हमले में यूक्रेन तबाह

यूक्रेन तबाह- रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। रूस ने एक ही दिन में 70 मिसाइलें दागकर यूक्रेन के तीन शहरों को तबाह कर दिया। इस हमले में कई लोगों की जान चली गई। 

रूस ने ये हमले राजधानी कीव और यूक्रेन के उत्तर पूर्वी हिस्से खार्किव में किए। रूसी हमलों के कारण खार्किव और सुमी के इलाकों में बिजली सप्लाई ठप हो गई, जिसके चलते पूरे यूक्रेन को ब्लैकआउट हो गया है। 

शुक्रवार को रूसी हमले के बाद की तस्वीरें दिखाती हैं कि मिसाइलों ने जहां इमारतों को नुकसान पहुंचाया है, वहीं सैकड़ों लोग कड़कड़ाती सर्दी में बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं। लोगों ने मेट्रो स्टेशन, बंकर और पार्किंग लॉट्स में छिपकर रात गुजारी। वहीं, कई तस्वीरें यह भी दिखाती हैं कि हमले के दौरान कई लोगों को खुले में ही रहने को मजबूर होना पड़ा।

रूसी मिसाइल अटैक के बाद लोग बंकरों और में छिप गए। कई लोगों ने वहीं रात गुजारी। लोग जान बचाने के लिए पार्किंग लॉट में शरण में जान बचाई। 

यूक्रेन तबाह- बता दें कि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने लोगों को देर रात एक वीडियो मैसेज दिया। इसमें जेलेंस्की ने रूस को ‘रॉकेट का पुजारी’ कहा। उन्होंने नाटो देशों से यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए मदद मांगी है। जेलेंस्की ने कहा हवाई हमलों के लिए अभी रूस के पास काफी मिसाइलें हैं।

कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने शुक्रवार को लोगों से अपील की थी कि जब तक रूस हवाई हमले बंद नहीं कर देता है वो बंकरों में ही रहें। गुरुवार को भी रूस ने यूक्रेन के 

रूस लगातार यूक्रेन को मिसाइलों से हमले कर घुटनों के बल लाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, यूक्रेन भी इन हवाई हमलों का डटकर जवाब दे रहा है। बुधवार को यूक्रेन ने राजधानी कीव पर दागे गए 13 ड्रोन्स को तबाह कर दिया। यूक्रेन की सेना के जनरल ओलेक्सी रेजनिकोव ने चेताया है कि रूस अगले साल की शुरूआत में हमलों की रफ्तार और तेज कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि रूस 2 लाख नए जवानों को तैनात करने की तैयारी कर रहा है।

यूक्रेन तबाह- रूस सैनिकों के कब्जे से छुड़ाए गए यूक्रेन के इलाके में कई सारे टॉर्चर चेंबर मिले हैं। यूक्रेनी संसद के मानवाधिकार कमिशनर डिमिट्रो लुबनेट्स ने इसकी जानकारी दी है। एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि हाल ही में रूस से आजाद कराए गए खरसोन में 10 टॉर्चर चेंबर मिले हैं। इनमें से एक टॉर्चर सेंटर केवल बच्चों के लिए था। जिसमें नाबालिगों को यातनाएं दी जाती थी।

डिमिट्रो ने बताया कि बच्चों को खतरनाक ठंड में बिल्कुल पतली चटाईयों पर रखा जाता था। उन्हें पानी भी दो दिन में एक बार दिया जाता था और खाने के लिए कुछ भी नहीं मिलता था।

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