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Gandhi Jayanti 2023: राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जीवन में महिलाओं की भूमिका अहम रही। इन देवियों ने हर कदम गाँधी का साथ दिया। बापू के जीवन में कई महिलाएं थीं, जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी सहयोगी बनी।
Mahatma Gandhi Birth Anniversary 2023: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर देशवासी उन्हें नमन कर रहे हैं। देश को आजादी दिलाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम का गांधी ने नेतृत्व किया था। उन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए किसी तरह की हिंसा का सहारा नहीं लिया, बल्कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर जीत हासिल की। उनके इस सिद्धांत को लोग आज भी अनुसरण करते हैं।
लोग अहिंसा का जिक्र होने पर बापू को याद करते हैं। महात्मा गांधी हर किसी के लिए प्रेरणा हैं। उनका पूरा जीवन ही आदर्श और प्रेरणा का प्रतीक रहा। हालाँकि बापू के महात्मा बनने के पीछे कई लोगों का साथ रहा। जवाहर लाल नेहरू से लेकर सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस से भगत सिंह तक सभी उनका सम्मान करते थे। वहीं उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी सदैव उनके कदम से कदम मिलाकर चलती थीं।
मोहनदास करमचंद गांधी के जीवन में कई ऐसी महिलाओं की भूमिका रही, जिन्होंने हर कदम उनका साथ दिया। महात्मा गांधी के जीवन में कई महिलाएं थीं जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके साथ स्वतंत्रता संग्राम में सहयोगी बनी।
कस्तूरबा गांधी-कस्तूरबा गांधी महात्मा गांधी की बीवी थीं और वे गांधीजी के साथ उनके स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणा स्रोतों में से एक थीं। कस्तूरबा को बा कहा जाता था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और गांधी के साथ उनके आश्रमों का प्रशासन किया।
सरोजिनी नायडू – सरोजिनी नायडू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की जानीमानी महिला नेता और गांधी की सहयोगी थीं। वे विभाजन की प्रतिष्ठा विचार के प्रति गांधी की सलाहकार भी रहीं।
मीरा बेन- मीरा बेन वह विदेशी महिला हैं, जो महात्मा गांधी से बहुत प्रेरित थीं और अपने घर को छोड़कर भारत आ गईं थीं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के कई महत्वपूर्ण पहलुओं में गांधी के साथ काम किया, जैसे कि खादी सत्याग्रह और बारडोली सत्याग्रह।
डॉ. सुशीला नय्यर – महात्मा गांधी के सचिव प्यारेलाल पंजाबी की बहन डॉ. सुशीला नय्यर गांधी जी प्रभावित थीं। डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी कर सुशीला, महात्मा गाँधी की निजी डॉक्टर बन गईं। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सुशीला कस्तूरबा गांधी के साथ मुंबई में गिरफ्तार हो गईं।
आभा गांधी – महात्मा गाँधी के परपोते कनु गाँधी की पत्नी आभा गाँधी अक्सर बापू की प्रार्थना सभा में भजन गाया करती थीं। वह हमेशा गाँधी के साथ रहती और आंदोलन में उनका समर्थन करतीं। जब नाथूराम गोडसे ने गाँधी को गोली मारी, तब भी आभा वहां मौजूद थीं।