सुनील सिंह की सदस्यता रद्द होने पर, बिहार में राजनीतिक बयान बाजी तेज,लोकतांत्रिक व्यवस्था का फायदा उठा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे

आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह की सदस्यता बिहार विधान परिषद से खत्म हो गई।इसके बाद पार्टी के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

बता दें कि दिल्ली से पटना पहुंचे राजद के सांसद पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा कि आम लोगों में यह धारणा बन गई है। नीतीश कुमार तानाशाह राजनेता है। जो गलती से देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था का फायदा उठाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए हैं। इससे अब जाहिर हो रहा है कि देश आप घोषित आपातकाल की ओर बढ़ रहा है। इसी तरह की कार्रवाई कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ऊपर देश की सरकार, मोदी सरकार ने करवाई थी। इसलिए कह सकते हैं कि देश की राजनीति में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों जुड़वा भाई हैं। दोनों की सोच एक तरह की है इसी तरह की कार्रवाई हमारे पार्टी के नेता सुनील कुमार सिंह पर हुई है हम लोग न्यायालय की शरण में जाएंगे।

 

हम लोगों को उम्मीद है कि न्यायपालिका से हम लोगों को न्याय मिलेगा और उनकी सदस्यता बहाल होगी। राजद नेता सुधाकर सिंह ने कहा कि जिस विषय को लेकर उनकी सदस्यता समाप्त की गई है वह कोई बड़ा विषय नहीं था। जिस नियमन को लेकर कार्रवाई की गई है यह नियमन देश के संविधान क्या कानून तोड़ने का विषय बन गया है। बिहार की जनता देख रही है और समझ रही है। न्यायपालिका के जरिए सुनील भाई की सदस्यता बहाल होगी और आने वाले 2025 विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता मौजूदा सरकार को सबक सिखाएगी।

 

वहीं केंद्रीय मंत्री ललन सिंह द्वारा राबड़ी देवी को लेकर की गई टिप्पणी पर राजद नेता सुधाकर ने कहा कि नीतीश कुमार और ललन सिंह दोनों एक ही जैसे नेता हैं। इन दोनों नेताओं को देश के महिलाओं के प्रति क्या विचार है गरीब लोगों के प्रति। महिलाओं का अपमान इन दोनों नेताओं ने एक बार नहीं किया बल्कि कई बार किए हैं अब इन दोनों नेताओं को राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए।

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