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संस्कृत विद्यालय में पढाई के समय लटका ताला, छात्र और शिक्षक गायब
Bihar: बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड कार्यालय से महज कुछ ही दूरी पर एक ऐसा स्कूल है जहां दो शिक्षक हैं लेकिन पढ़ने एक भी बच्चे नहीं आते हैं।1928 से यह गिरवरधारी संस्कृत मध्य विद्यालय एक ही कमरे में चल रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि एक कमरे वाले इस संस्कृत मध्य विद्यालय में हमेशा ताला लटका रहता है। यहां एक भी बच्चे पढ़ने नहीं आते हैं, यहां बच्चों को खाना, ड्रेस और किताबें नही मिलती है। यहां तक की शौचालय की सुविधा भी नहीं है। स्कूल भवन भी जर्जर हो चुका है।
जब इस बारे में आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि एक शिक्षक कई दिनों से स्कूल नहीं आ रहे हैं। वहीं गांव के दूसरे शिक्षक अभी स्कूल में ताला लगाकर किसी काम से बाहर निकले हैं। काफी देर इंतजार करने के बाद स्कूल प्रभारी आते हैं और ताला खोलकर स्कूल के एकमात्र कमरे से अपनी साइकिल बाहर निकालते हैं, जब स्कूल में एक भी बच्चों के उपस्थित नहीं होने पर उनसे बात की गई तो उनका कहना था कि जर्जर स्कूल होने के कारण बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। जब उनसे वहां चलकर बच्चों को दिखाने के लिए कहा गया तो वह बहाना बनाने लगे कि अब स्कूल में छुट्टी हो गई है। जब बच्चों के रजिस्टर दिखाने की बात की गई तो वह आनाकानी करने लगते हैं सच्चाई यह है कि स्कूल के कमरे में एक भी रजिस्टर नहीं रखा गया है पूरा कमरा धूल और मकड़ी की जाल से भरा पड़ा है लगता है कि इस कमरे में कई दिनों से कोई छात्र नहीं आए हैं।
हाल ही में शिक्षा विभाग के एसीएस एस.सिद्धार्थ ने छात्रों की फर्जी उपस्थिति दिखाने के मामले में अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।बीईओ सुशीला कुमारी को बाढ़,पंडारक,घोसवरी और मोकामा चार प्रखंड का प्रभार मिला है।आश्चर्य की बात तो यह है कि बीईओ को उनके ब्लॉक से महज दूरी पर एक कमरे में चल रहे स्कूल और छात्रों के फर्जी अटेंडेंस का भी पता नहीं है।
वहीं बीईओ सुशीला देवी ने फोन पर बताया कि हाल के 15 दिनों की जानकारी हमें नहीं है, इससे पहले जब भी निरीक्षण में गए है तो किसी प्रकार की खामियां नहीं पाई गई है। यानी शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति के लिए शिक्षक से लेकर अधिकारी तक की मिलीभगत ही जिम्मेदार है!