Amit Shah @Nizam: अमित शाह गरजे; कहा- बस 13 महीने और झेलिए हैदराबाद के निजामों को

Amit Shah @Nizam: हैदराबाद दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने असदुद्दीन ओवैसी का नाम लिए बगैर कहा, बस हैदराबाद के निजामों को 13 महीने और झेल लीजिए।

Amit Shah @Nizam: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तेलंगाना मुक्ति दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को तो आजादी 1947 में मिल गई थी, लेकिन हैदराबाद पर आज भी निजामों का राज है।

Amit Shah @Nizam: केंद्रीय गृह मंत्री आज हैदराबाद के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने तेलंगाना मुक्ति दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को तो आजादी 1947 में मिल गई थी, लेकिन हैदराबाद पर आज भी निजामों का राज है। उन्होंने यह भी कहा कि यहां की जनता को अब सिर्फ 13 महीने के लिए इसे झेलना होगा। आपको बता दें कि हैदराबाद को एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी का गढ़ माना जता है।

Amit Shah @Nizam: तेलंगाना में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी सफलता को लेकर आशान्वित है। हाल ही में यहां भागवा पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक भी हुई थी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था।

अमित शाह ने आगे कहा, ‘राज्य के लोग आधिकारिक तौर पर हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाना चाहते थे। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इसका वादा भी किया, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने वोट बैंक की राजनीति के कारण जश्न मनाने से इनकार कर दिया।’

Amit Shah @Nizam: हैदराबाद के परेड ग्राउंड में ‘तेलंगाना मुक्ति दिवस’ कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी भी शामिल हुए।

बता दें हैदराबाद के भारत का हिस्सा बनने की आज 75वीं वर्षगांठ हैं। हालांकि इस दौरान इस तथ्य को लेकर राय बंटी हैं कि हैदराबाद का देश में विलय हुआ था या एकीकरण? साथ ही क्या रियासत के आखिरी निजाम ओस्मान अली खान निर्दयी और सामंती शासक थे। हैदराबाद रियासत के आखिरी निजाम मीर ओस्मान अली खान थे। मीर ओस्मान अपने क्रांतिकारी फैसलों के लिए जाने जाते थे।

Amit Shah @Nizam: आज हैदराबाद के भारतीय संघ में शामिल होने की 75वीं वर्षगांठ हैं। इस मौके पर हैदराबाद में सभी राजनीतिक दल कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। हालांकि भारत का हिस्सा बनने के 74 साल बाद भी इस तथ्य को लेकर राय बंटी हैं कि हैदराबाद का देश में विलय हुआ था या एकीकरण? साथ ही क्या आखिरी निजाम निर्दयी और सामंती शासक थे?

सियासी गलियारों के बाहर शहर के इतिहासकार और निजाम के परिवार के सदस्यों का तर्क है कि 17 सितंबर 1948 को लेकर जश्न जैसा कुछ भी नहीं है। उनका मानना है कि इस दिन भारत सरकार ने ऑपरेशन पोलो चलाकर रियासत पर बलपूर्वक अधिकार कर लिया था। ‘ऑपरेशन पोलो’ से पहले और बाद की घटनाएं रक्तपात, मौत और विनाश से प्रभावित थीं। कुछ 40,000 मारे गए थे और लाखों विस्थापित हुए थे।

Amit Shah @Nizam: तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पुलिस कार्रवाई के बाद की हिंसा की जांच के लिए पंडित सुंदर लाल कमिटी गठित की थी। कमिटी की रिपोर्ट के अनुसार, एक समुदाय के करीब 24,000 से 40,000 लोग मारे गए थे।

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