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अंजना धाम में शिव भक्तों की उमड़ी भीड़,मंदिर से कई इतिहास है जुड़े
JHARKHAND:गुमला का प्रसिद्ध अंजना मंदिर इन दिनों शिव भक्तों के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है। सावन के पावन महीने में काफी संख्या में लोग अपने परिवार के साथ यहां पहुंच रहे हैं और यहां पर आकर पूजा पाठ करके अपने परिवार की सुख शांति की कामना करते हुए नजर आ रहे हैं।
बता दें कि गुमला जिला से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हनुमान जी की जन्मस्थली के रूप में चर्चित आँजन मंदिर ऐसे तो सालों भर भक्तों के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ रहता है लेकिन सावन के पवित्र महीने में यहां पर लोग काफी संख्या में पहुंच रहे हैं न केवल आसपास से लोग यहां पहुंच रहे हैं बल्कि दूसरे जिलों और राज्यों से भी लोग यहां पहुंचकर पूजा पाठ करते हुए नजर आ रहे हैं लोगों के अंदर उत्साह देखते ही बन रहा है.
प्राकृतिक की सुंदर वादियों में बसे इस पावन स्थल के बारे में लोगों के अंदर कई तरह की उत्सुकता रहती है जो लोग यहां आते हैं वह दोबारा आना चाहते हैं और जो यहां नहीं आ पाए हैं वह सावन के पवित्र महीने में आकर यहां पर पूजा पाठ करके अपने परिवार की सुख शांति की कामना करते हुए नजर आ रहे हैं लोगों के अंदर इस स्थल के प्रति विशेष आस्था और विश्वास देखने को मिल रही है।हनुमान जी की जन्मस्थली के रूप में जाना जाने वाला अनजान मंदिर निश्चित रूप से लोगों के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है प्रकृति की सुंदर व मनोरम वादियों के बीच में बसे इस स्थल पर जाकर लोगों की सारी मनोकामना पूरी हो जाती है किसी उम्मीद के साथ लोग लगातार आ रहे हैं लोगों का स्पष्ट मानना है कि सावन के पवित्र महीने में आकर यहां पूजा करने से निश्चित रूप से उनकी मनोकामना पूरी होगी क्योंकि हनुमान जी को भी भगवान शिव का ही अंश माना जाता है ऐसे में सावन के पवित्र महीने में आकर पूजा पाठ करना यहां लोगों के लिए विशेष आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है खास करके महिलाओं में इस पूजा स्थल पर आने के लिए विशेष उत्साह बना हुआ रहता है पहाड़ की ऊंचाई पर मौजूद इस मंदिर में पूजा करने के लिए लोग काफी दूर-दराज से आते हैं और लोगों के अंदर लगातार इस स्थल के प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है जो निश्चित रूप से लोगों के लिए ही नहीं बल्कि आसपास के लोगों के लिए भी काफी खुशी का केंद्र बना हुआ है क्योंकि यहां पर जब लोग बाहर से पूजा पाठ करने के लिए आते हैं तो आसपास के लोगों की सामानों की बिक्री भी होती है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी मिलता है।
दूर दराज के इलाके से आने वाले लोगों से जब हमने बात किया तो उन्होंने भी स्पष्ट बताया कि निश्चित रूप से हनुमान जी की जन्मस्थली के रूप में जाना जाने वाला यह स्थल उनके लिए बहुत पवित्र स्थल माना जाता है और सावन के महीने में आकर जो उन्हें खुशी मिलती है उसे वह शब्दों के माध्यम से बयां नहीं कर पाते हैं लेकिन लोगों ने इस बात को लेकर दुख व्यक्त किया कि इस मंदिर के आसपास जो पर्यटक की सुविधा होनी चाहिए वह नहीं हो पाई है जिसके कारण लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।