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BJP NATIONAL EXECUTIVE MEET: बीजेपी अब दक्षिण भारत मिशन मोड में है। इसको लेकर बीजेपी हैदराबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर रही है। 18 साल बाद हैदराबाद में दो-तीन जुलाई को बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है।
BJP NATIONAL EXECUTIVE MEET: बीजेपी अब पूरी तरह से साउथ इंडिया मिशन मोड में है। बीजेपी की ये बैठक 18 साल बाद हैदराबाद में दो-तीन जुलाई को है। बीजेपी बैठक के जरिए ना सिर्फ दक्षिण भारत में पार्टी की पैठ मजबूत करना चाहती है, बल्कि साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए गहन मंथन करेगी।
BJP NATIONAL EXECUTIVE MEET: 18 साल बाद तेलंगाना की हैदराबाद में दो और तीन जुलाई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करने जा रही भाजपा का अब नया मिशन तेलंगाना तो है। साथ ही यहां से वह समूचे दक्षिण भारत को नया राजनीतिक संदेश देगी।
हैदराबाद में दो और तीन जुलाई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करने जा रही भाजपा का अब नया मिशन तेलंगाना तो है ही, लेकिन यहां से वह समूचे दक्षिण भारत को राजनीतिक संदेश देगी। इस बैठक में महाराष्ट्र में हाल में हुए बड़े राजनीतिक बदलाव का असर भी दिखेगा।
बैठक के पहले बीजेपी ने बड़ी तैयारी की है। तेलंगाना के सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों में राष्ट्रीय नेताओं ने दो दिन का प्रवास किया है। हर क्षेत्र में सात बड़ी बैठकें कर माहौल गरमाया है। इसकी गूंज केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में सुनाई देगी। बैठक के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली की विशाल रैली होगी। इसमें लाखों कार्यकर्ता जुटेंगे।
पार्टी महासचिव और तेलंगाना प्रभारी तरुण चुग ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की टीआरएस सरकार पर निशाना साधा। चुग ने कहाकि तेलंगाना सरकार पर केसीआर परिवार का कब्जा है। तेलंगाना सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अब केवल 522 दिन बाकी है। इसके बाद बदलाव तय है।
बैठक के लिए भाजपा हैदराबाद में विभिन्न राज्यों से जुड़े 14 समाजों की बैठकें करेगी। इनमें यूपी, बिहार, झारखंड, असम, बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान से आकर तेलंगाना में रह रहे और काम कर रहे लोगों के समूह शामिल हैं। बैठकों को इन राज्यों से जुड़े प्रमुख नेता संबोधित करेंगे।
बीजेपी की तैयारी मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के खिलाफ बन रहे माहौल को भुनाने की है। बीते सालों में भाजपा ने प्रभाव बढ़ाया है। वह अब उसे सत्ता तक ले जाने में जुटी है।
कार्यकारिणी स्थल पर पार्टी ने बड़ी प्रदर्शनी लगाई है। इसमें पूर्व के निजाम शासन के दौरान राज कर सेना के अत्याचारों को दिखाया है। इसे राजनीतिक रूप में सामाजिक ध्रुवीकरण का प्रयास माना जा सकता है। इससे चुनावी लाभ मिल सकता है। इसके अलावा पृथक तेलंगाना बनने के संघर्ष में भूमिका को प्रदर्शित किया है। हालांकि, इस आंदोलन के लिए केसीआर को ही जाना जाता है, लेकिन बीजेपी इसमें केसीआर की बजाय उनके परिवार पर निशाना साध रही है कि वे आंदोलन के समय कहां थे।