Sen your news articles to publish at thephotonnews@gmail.com
Congress MLAs Joins BJP: गोवा कांग्रेस के 11 में से 8 विधायकों ने पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया। सभी विधायक मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के साथ विधानसभा पहुंचे और स्पीकर रमेश तावड़कर को कांग्रेस से अलग होने की चिट्ठी सौंपी। इसके तुरंत बाद गोवा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सदानंद तनवड़े ने सभी विधायकों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई।
Congress MLAs Joins BJP: कांग्रेस छोड़ने वाले विधायक गोवा के पूर्व CM दिगंबर कामत, माइकल लोबो, देलिया लोबो, केदार नाइक, राजेश फलदेसाई, एलेक्सो स्काइरिया, संकल्प अमोलकर और रोडोल्फो फर्नांडीज शामिल है। बागी विधायकों की संख्या पार्टी के कुल विधायकों की संख्या के दो-तिहाई से ज्यादा है। इस वजह से इन विधायकों पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा।
Congress MLAs Joins BJP: गोवा में टूट के बाद कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा- बीजेपी भारत जोड़ो यात्रा से डर गई है और ऑपरेशन कीचड़ करने में जुटी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिख आगे कहा- भाजपा सिर्फ तोड़ सकती है। वहीं कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडूराव ने लिखा- पैसे और सत्ता के दम पर लोकतांत्रिक सिद्धांतों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
10 मार्च 2022 को गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। इनमें कांग्रेस को 40 में से 11 सीटें मिली थीं, लेकिन 7 महीने के भीतर ही पार्टी टूट गई। इसके पीछे की वजह कांग्रेस की खुद की गलतियां हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस ने बाहर से आने वाले माइकल लोबो को नेता प्रतिपक्ष बनाया। लोबो चुनाव से पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे। नेता प्रतिपक्ष की रेस में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले के खिलाफ थे।
गोवा में हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चोडनकर से इस्तीफा ले लिया, लेकिन प्रदेश प्रभारी दिनेश गुंडूराव पर कोई कार्रवाई नहीं की। गुंडूराव से पार्टी के कई सीनियर चुनाव के पहले से नाराज चल रहे थे।
गोवा कांग्रेस के नए अध्यक्ष अमित पाटकर को लेकर भी पार्टी में गुटबाजी तेज हुई थी, जिसका असर राष्ट्रपति चुनाव में दिखा। पार्टी के 4 विधायकों ने उस वक्त क्रॉस वोटिंग की थी।
इसी साल जुलाई में कांग्रेस ने पार्टी विरोधी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाकर दिगंबर कामत और माइकल लोबो पर कार्रवाई की थी। उस वक्त कांग्रेस टूट से बचने के लिए अपने 5 विधायकों को चेन्नई शिफ्ट कर दिया था।
विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को 5 साल तक पार्टी नहीं छोड़ने की शपथ दिलाई थी। कांग्रेस ने इस दौरान सभी उम्मीदवारों से एक शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर भी करवाए थे।