Earthquake: अगर ऐसा होता तो भूकंप से तबाह हो जाती दिल्ली..जानें कितना हो सकता था नुकसान

Earthquake: आज भूकंप के झटकों से दिल्ली कांप उठी. काफी लंबे समय तक भूंकप आता रहा जिस वजह से लोग डर गए. भूंकप के दो-दो झटकों ने दिल्ली को हिला कर रख दिया. हालांकि, गनीमत रही कि कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. लेकिन, ये भयानक तबाही मचा सकती थी जिसकी वजह से काफी नुकसान दिल्ली और आसपास के इलाकों में हो सकता था.

इसकी एक वजह रही. धरती का कंपन तेज होने के बावजूद ज्यादा नुकसान नहीं हुआ इसकी वजह हम आपको आगे बताने जा रहे हैं. नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 थी. ये थोड़ा भी ज्यादा होता तो दिल्ली और एनसीआर में भारी तबाही मचती.

लेकिन, रिपोर्ट की माने तो यदि भूकंप की डेप्थ ज्यादा होती और केंद्र नेपाल की जगह आसपास का कोई क्षेत्र होता तो एनसीआर में तबाही ही नजर आती.आपको बता दें कि दिल्ली NCR मंगलवार दोपहर 2 बजकर 53 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस हुए. जो लगभग 45 सेकेंड तक रहे. भूकंप विभाग के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 थी.

वहीं दूसरे झटके बेहद तीव्र थे रिक्टर स्केल पर जिनकी तीव्रता 6.2 मैग्नीट्यूड मापी गई. आसपास की चीजों में कंपन महसूस करते ही लोग घरों और दफ्तरों से बाहर की ओर भागे. काफी देर तक अफरा-तफरी के हालात रहे. गनीमत रही की कि कंपन का टाइम और डेप्थ कम थी वरना दिल्ली एनसीआर में तबाही के हालात बन जाते.

भूकंप विभाग के मुताबिक पहली बार भूकंप के जो झटके महसूस हुए उनकी डेप्थ 10 किमी थी, ये झटके तकरीबन 45 सेकेंड तक महसूस किए गए. इसके 25 मिनट बाद जो दूसरा भूकंप आया उसकी डेप्थ महज 5 किलोमीटर थी, इसीलिए झटके बस कुछ ही सेकेंड महसूस हुए.

आसान भाषा में समझें तो यदि भूकंप की डेप्थ ज्यादा होती है तो वह अपने केंद्र से 200 से 250 किलोमीटर तक नुकसान पहुंचा सकता है. यदि डेप्थ कम रहती है तो झटके लगते तो हैं, लेकिन वे नुकसान कम करते हैं या नहीं करते हैं. दूसरी बात भूकंप का केंद्र नेपाल था, यदि भूकंप का केंद्र आसपास होता तो जो झटके महसूस किए गए वे और तीव्र होते और नुकसान की संभावना बढ़ जाती.

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