Independence Day 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया लाल किले से दूसरा लंबा भाषण

प्रधानमंत्री ने मणिपुर का भी जिक्र किया

Independence Day 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए विभिन्न मुद्दों पर बात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने मणिपुर का भी जिक्र किया। अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किया है। जिन्होंने इसे सहा, उनके प्रति मैं गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। राज्य और केंद्र सरकार उन सभी संकटों से जल्द मुक्त होकर तेज गति से आगे बढ़ रही है।

 

Independence Day 2023: पीएम ने कहा कि मेरे परिवारजनों, पिछले कुछ सप्ताह में मणिपुर और हिंदुस्तान के कुछ भागों में हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा। मां बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। कुछ दिनों में से अब लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। देश, मणिपुर के लोगों के साथ है। पिछले कुछ दिनों से जो शांति बनाकर रखी है, मणिपुर के लोग उसे आगे बढ़ाएं। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर समाधान के भरपूर प्रयास कर रही है। 

 

Independence Day 2023: बता दें कि मणिपुर में बीते तीन महीनों से हिंसा का दौर जारी है। संसद के मानसून सत्र के दौरान भी इस मुद्दे पर खूब  हंगामा हुआ और विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में मणिपुर पर विपक्ष के सवालों का जवाब दिया और मणिपुर के हालात के बारे में देश को जानकारी दी थी। 

 

Independence Day 2023: प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को प्रेरित करते हुए कहा कि ‘मैं साफ देख रहा हूं कि मां भारती जागृत हो चुकी है। विश्व भर में भारत की चेतना और सामर्थ्य के प्रति नया आकर्षण, नया विश्वास पैदा हुआ है, उसे विश्व में अपने लिए ज्योति नजर आ रही है।’ पीएम मोदी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि ‘कुछ चीजें हमारे पास हैं, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी हैं। आज हमारे पास डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) है, हमारे पास डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) है, विविधता है। यह त्रिवेणी भारत के हर सपने को साकार करने का सामर्थ्य रखती है। आज पूरी दुनिया में देशों की उम्र ढल रही है, तब भारत, ऊर्जावान होकर आगे बढ़ रहा है। आज तीस साल से कम आयु की जनसंख्या दुनिया में सर्वाधिक भारत में है। जब कोटि-कोटि भुजाएं हों, मस्तिष्क हों, संकल्प हों, सपने हों तो हम इच्छित परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।’ 

 

प्रधानमंत्री मोदी ने आज 10वीं बार लाल किले से देश को संबोधित किया। पीएम का यह संबोधन 90 मिनट तक चला। 2017 में 56 मिनट का संबोधन उनका अब तक का सबसे छोटा भाषण है।

 

77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10वीं बार देश को लाल किले से संबोधित किया। इस अवसर पर पीएम ने 90 मिनट का भाषण दिया। 76वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का संबोधन 83 मिनट का था। 2015 में पीएम मोदी ने 86 मिनट का भाषण देकर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड तोड़ा था।

 

प्रधानमंत्री मोदी अब तक कुल 10 बार लाल किले से देश को संबोधित कर चुके हैं। केवल एक बार उन्होंने देश को एक घंटे से कम समय के लिए संबोधित किया। 2017 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण केवल 56 मिनट का रहा था। ये उनका अब तक का सबसे छोटा भाषण है। 

 

Independence Day 2023: प्रधानमंत्री ने जब साल 2014 में देश को पहली बार लाल किले से संबोधित किया तो उन्होंने कुल 65 मिनट तक भाषण दिया। इसके बाद, साल 2015 में उन्होंने 86 मिनट तक देश को संबोधित किया। देश जब आजादी की 70वीं वर्षगांठ मना रहा था, उस दौरान पीएम मोदी ने देश को लाल किले से 94 मिनट तक संबोधित किया। यह उनके प्रधानमंत्री के रूप में रहने के दौरान लाल किले से दिया गया सबसे लंबा भाषण है। 

 

पीएम मोदी ने 2017 के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 57 मिनट, 2018 में 82 मिनट और 2019 में 92 मिनट तक देश को संबोधित किया।  इसके बाद 2020 में 86 मिनट, 2021 में 88 मिनट, 2022 में 83 मिनट और 2023 में 90 मिनट तक पीएम मोदी ने लाल किले से भाषण दिया।

 

2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 86 मिनट का भाषण देकर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा था। नेहरू ने 1947 में लाल किले से 72 मिनट लंबा भाषण दिया था। 

 

जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। लाल किले की प्राचीर से सबसे ज्यादा बार तिरंगा झंडा लहराने का अवसर उन्हें ही मिला था। नेहरू 1947 से लेकर 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर रिकॉर्ड 17 बार ध्वजारोहण किया। 

 

इस मामले में दूसरे नंबर पर भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री और जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी हैं। उन्होंने लाल किले पर 16 बार राष्ट्रध्वज फहराया है। लाल किले पर तिरंगा फहराने के मामले में तीसरे नंबर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम है। दोनों नेताओं 10 बार लाल किले पर झंडा फहराया है।

 

Independence Day 2023: भारतीय इतिहास में दो ऐसे प्रधानमंत्रियों का नाम भी दर्ज है, जिन्हें लाल किला पर तिरंगा फहराने का अवसर ही नहीं मिला। ये थे गुलजारीलाल नंदा और चंद्रशेखर। गुलजारी लाल नंदा दो बार 13-13 दिन के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे। पहली बार जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद 27 मई, 1964 को गुलजारीलाल नंदा 13 दिन के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने थे और दूसरी बार लाल बहादुर शास्त्री के देहांत के बाद 11 जनवरी, 1966 को फिर 13 दिन के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। इस प्रकार प्रधानमंत्री के तौर पर उनका पूरा कार्यकाल महज 26 दिनों का ही रहा। 

 

वहीं, गुलजारीलाल नंदा के बाद चंद्रशेखर दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्हें एक बार भी लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराने का अवसर नहीं मिला। वह 10 नवंबर, 1990 से 21 जून, 1991 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। 

 

Independence Day 2023: भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्र बनाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए कुल छह बार लाल किले से तिरंगा झंडा फहराया है। वहीं, राजीव गांधी और पी. वी. नरसिम्हा राव ने पांच-पांच बार, मोरारजी देसाई ने दो बार और चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, एचडी देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल ने एक-एक बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया है और देश को संबोधित किया है।

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