Maharashtra Crisis: एकनाथ शिंदे की बगावत के बीच सीएम उद्धव छोड़ रहे हैं सरकारी आवास

महाविकास अघाड़ी बेमेल गठबंधन, काँग्रेस एनसीपी से नाता तोड़े शिव सेना

Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चौंकाने वाला कदम उठाया है। उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच अपना आधिकारिक आवास छोड़ रहे हैं।

Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चौंकाने वाला कदम उठाया है। उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच अपना आधिकारिक आवास छोड़ रहे हैं। इस घटनाक्रम ने महाविकास अघाड़ी सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़ा कर दिया है।

Maharashtra Crisis: सीएम उद्धव ठाकरे ने सरकारी आवास ‘वर्षा’ छोड़कर बांद्रा में स्थित अपने निजी आवास ‘मातोश्री’ वापस जा रहे हैं। एक वीडियो में मुख्यमंत्री आवास से कर्मचारी को पैक बैग ले जाते हुए दिखाया गया है। इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह कभी भी सीएम का पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

उद्धव ठाकरे के साथ उनके बेटे और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे भी थे। उनके साथ रश्मि ठाकरे और तेजस ठाकरे भी थे। ये लोग सरकारी आवास वर्षा से मातोश्री चले गए।

इससे पहले फेसबुक लाइव में महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट पर उद्धव ठाकरे की पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया देखने को मिली। ठाकरे ने कहाकि अगर उन्हें उनके ही लोग मुख्यमंत्री के रूप में नहीं चाहते हैं, तो उन्हें उनके पास आना चाहिए और कहना चाहिए। उद्धव ने कहाकि वो इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।

उद्धव ने कहाकि वो बालासाहेब ठाकरे के बेटे हैं। वो किसी पद के पीछे नहीं हैं। यदि पार्टी चाहती है कि वो इस्तीफा दें, तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। और सारा सरकारी निवास वर्षा से सारा सामान अपने निजी आवास मातोश्री ले जाएंगे।

इसके साथ ही उद्धव ने सवाल भी किया था कि वो पद छोड़ने को तैयार हैं। लेकिन क्या वो लोग वादा कर सकते हैं कि अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा? इसे एकनाथ शिंदे के लिए सीधी चुनौती माना गया। जो अपने गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में पेश कर रहे हैं और बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा का हवाला दे रहे हैं।

बता दें कि एकनाथ शिंदे को बागी विधायकों ने शिव सेना के नए गुट का नेता चुना लिया है। वहीं शिंदे ने ट्वीट कर कहा है कि महाविकास अघाड़ी बेमेल गठबंधन है। ऐसे में शिव सेना को काँग्रेस और एनसीपी से नाता तोड़ लेना चाहिए।

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