Nitin Gadkari: ‘इस्तेमाल करो और फेंको’ नीति के बिल्कुल खिलाफ हैं नितिन गडकरी

गडकरी ने कहा- अच्छे दिन हों या बुरे दिन, किसी का हाथ थाम लें, तो उसे थामें रहें, उगते सूरज की पूजा न करें

Nitin Gadkari: हाल में ही भाजपा के संसदीय बोर्ड से हटाए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि किसी को भी ‘इस्तेमाल करो और फेंको’ की दौर में नहीं शामिल होना चाहिए। अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें, उसे थामें रहें। उगते सूरज की पूजा न करें।

Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति पराजित होता है तो खत्म नहीं होता। लेकिन जब वह हार मान लेता है तो खत्म हो जाता है। गडकरी यहां उद्यमियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो कोई भी व्यवसाय, सामाजिक कार्य या राजनीति में है, उसके लिए मानवीय संबंध सबसे बड़ी ताकत है।

Nitin Gadkari: हाल में बीजेपी संसदीय बोर्ड से हटाए जाने को लेकर चर्चा में रहे गडकरी ने कहा, ”इसलिए, किसी को भी ‘इस्तेमाल करो और फेंको’ की दौर में नहीं शामिल होना चाहिए। अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें, उसे थामें रहें। उगते सूरज की पूजा न करें।”

बीजेपी दिग्गज गडकरी ने एक छात्र नेता के रूप में अपने दिनों को याद करते हुए कहाकि जब कांग्रेस नेता श्रीकांत जिचकर ने एक बार उन्हें बेहतर भविष्य के लिए कांग्रेस में शामिल का ऑफर दिया था। लेकिन तब उन्होंने कहा था कि वो कुएं में कूदकर मर जाएंगे, मगर कांग्रेस में शामिल नहीं होएंगे। उनका कहना था कि ऐसा उन्होंने इसलिए कहा था कि क्योंकि उन्हें कांग्रेस की विचाराधारा पसंद नहीं है।

Nitin Gadkari: गडकरी ने कहा कि युवा उद्यमियों को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की आत्मकथा का वाक्य याद रखना चाहिए कि हारने पर आदमी का अंत नहीं होता है, लेकिन जब वह हार मान लेता है तो वह खत्म हो जाता है।

इससे पहले गडकरी ने मुंबई में किसानों को चीनी उत्पादन कम करने तथा ऊर्जा और बिजली क्षेत्रों की ओर कृषि में विविधता लाने का सुझाव दिया।

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