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PRESIDENT ELECTION @DRAUPADI: राष्ट्रपति चुनाव में द्रोपदी की उम्मीदवारी पर ममता बनर्जी ने कहाकि अगर एनडीए बताती तो सर्वसम्मति से द्रोपदी मुर्मू को चुना जा सकता था।
PRESIDENT ELECTION @DRAUPADI: राष्ट्रपति चुनाव में द्रोपदी की उम्मीदवारी पर ममता बनर्जी ने कहाकि अगर एनडीए बताती तो सर्वसम्मति से द्रोपदी मुर्मू को चुना जा सकता था।
PRESIDENT ELECTION @DRAUPADI: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने कहाकि यदि एनडीए की ओर से पहले ही द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के बारे में बता दिया जाता तो हम भी राजी हो जाते और सर्वसम्मति से उन्हें चुना जा सकता था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहाकि यदि एनडीए की ओर से पहले ही द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के बारे में बता दिया जाता तो हम भी राजी हो जाते और सर्वसम्मति से उन्हें चुना जा सकता था। ममता बनर्जी ने द्रौपदी मुर्मू की जीत की संभावनाएं ज्यादा होने की बात भी स्वीकार की।
बनर्जी ने कहा, ‘भाजपा ने हमारा सुझाव तो लिया था, लेकिन अपने कैंडिडेट के बारे में कुछ नहीं बताया था।’ बता दें कि टीएमसी से ही इस्तीफा देने वाले यशवंत सिन्हा को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त प्रत्याशी घोषित किया गया है।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘यदि हमें पता होता कि वे आदिवासी महिला या फिर अल्पसंख्यक समुदाय के किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना चाहते हैं तो फिर हम भी विचार करते। हमारे मन में आदिवासी समुदाय के लोगों के प्रति बहुत सम्मान है और वह तो एक महिला भी हैं।’
टीएमसी प्रमुख ने कहाकि एपीजे अबुल कलाम के वक्त भी हुआ था। उन्होंने कहाकि हमारा 16-17 पार्टियों का गठबंधन है और हम अकेले ही पीछे नहीं हट सकते हैं और भी लोग हैं। वहीं अब ममता बनर्जी की टिप्पणी पर कांग्रेस का भी रिएक्शन आया है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहाकि हो सकता है कि उन पर भाजपा की ओर से दबाव हो। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘ममता बनर्जी ने ही अपने फैसले पर सभी से सहमत होने को कहा था। ममता बनर्जी का नाम भी उन्होंने ही सुझाया था। अब वह अपनी जिम्मेदारी से ही भाग रही हैं।’
चौधरी ने कहाकि अब वह यूटर्न लेती हैं, तो इसका मतलब होगा कि बीजेपी से उन्हें कॉल आया है। उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दबाव होगा। आखिर उनके पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे रिश्ते भी हैं। उन्होंने कहाकि हमारे लिए तो भाजपा का मुकाबला करना सिद्धांतों की लड़ाई है।
बता दें कि ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव के लिए कैंडिडेट के चयन में काफी ऐक्टिव थीं। दिल्ली में उनकी ओर से ही विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई थी। उनकी पार्टी टीएमसी की ओर से ही यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर कांग्रेस, एनसीपी, सपा समेत सभी विपक्षी दलों ने सहमति जताई थी।
बता दें कि इससे पहले फारूक अब्दुल्ला, शरद पवार, गोपाल कृष्ण गांधी को चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था।