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उत्पाद सिपाही दौड़:11 की हुई मौत, भाजपा ने कहा, नौकरी नहीं मौत बांट रही हेमंत सरकार
मृतक अरुण कुमार के पिता ने बताया कि अरुण उनका सबसे छोटा बेटा था और पढ़ने में काफी तेज था। उसने कई बार जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा में क्वालीफाई किया था, वही रेलवे की लिखित परीक्षा में भी वह उत्तीर्ण हुआ था।
Jharkhand:उत्पाद विभाग की भर्ती प्रक्रिया पिछले कुछ दिनों से चल रही है। जिसमें छात्रों को 1 घंटे में 10 किलोमीटर के दौड़ पूरी करनी होती है। इस दौड़ में कई बच्चे गंभीर रूप से बीमार तो, वहीं लगभग 10 बच्चों की मौत हो चुकी है।
वहीं उत्पाद विभाग सिपाही दौड़ में अरुण कुमार की मौत के बाद उसके परिजनों से मुलाकात करने नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के तुगलकी फरमान के कारण अब तक 11 युवकों की जान चली गई है और सरकार एक संवेदना भी नही प्रकट कर रही उसके विपरीत सरकार के प्रवक्ता युवाओं पर ही दवा और नशा कर दौड़ने का आरोप लगा रहे है। जिस तरह से भादो की उमस भरी गर्मी में उत्पाद विभाग में सिपाही की भर्ती को लेकर दौड़हो रहा है और इस दौड़ में अभी तक 11 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है, उससे लगता है कि राज्य सरकार नौकरी नही मौत बांटने का काम कर रही है।
मृतक अरुण कुमार के पिता ने बताया कि अरुण उनका सबसे छोटा बेटा था और पढ़ने में काफी तेज था। उसने कई बार जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा में क्वालीफाई किया था, वही रेलवे की लिखित परीक्षा में भी वह उत्तीर्ण हुआ था। पढ़ाई में काफी होशियार होने के बावजूद भी उसकी सरकारी नौकरी नहीं लग रही थी। वह राज्य सरकार में अधिकारी बनने का सपना पाले हुए था लेकिन उत्पाद विभाग के दौर के दौरान बेहोश हो जाने और उसके बाद उसकी मृत्यु हो जाने से पूरा परिवार टूट गया है।
मृतक की बहन ने बताया की किस तरह से जिला प्रशासन ने उसके बेहोश हुए भाई को बिना किसी परिजन की जानकारी के सदर अस्पताल में एडमिट करवा दिया, जहां किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। सदर अस्पताल ने रिम्स रेफर कर दिया, लेकिन अरुण की स्थिति अच्छी न होने के कारण उसे प्राइवेट अस्पताल में भरती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने मौत का कारण जिला प्रशासन पर लगाया।
नेता प्रतिपक्ष ने पूरे मामले पर परिजनों को एक केस करने का सुझाव दिया वहीं पार्टी के तरफ से इस मामले पर एक जन हित याचिका दायर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस सरकार को सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने होगा।
भवनाथपुर विधायक भानु प्रताब शाही ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं से डर गई है, इसलिए आनन फानन में सरकार गलत समय पर दौड़ जैसी परीक्षा ले रही है। सामान्य तौर पर ऐसी परीक्षा नवंबर से फरवरी के बीच ली जाती है। सरकार के असमय इस परीक्षा के कारण अब तक 11 युवाओं की जान चली गई है। राज्य के युवा इस का जवाब जरूर देगी।