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QUAD TOKYO SUMMIT: टोक्यो में क्वाड सम्मेलन में रूस और यूक्रेन युद्ध का मुद्दा जोरशोर से उठा। बैठक में यूएसए के राष्ट्रपति जो बाइडन रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन पर जमकर बरसे। बाइडन ने कहाकि पुतिन एक संस्कृति को खत्म करने में लगे हैं। अमेरिकी प्रेडीडेंट ने कहाकि यह केवल यूरोप का मुद्दा नहीं है, बल्कि ग्लोबल मुद्दा है।
QUAD TOKYO SUMMIT: टोक्यो में क्वाड सम्मेलन में रूस और यूक्रेन युद्ध का मुद्दा जोरशोर से उठा। बैठक में यूएसए के राष्ट्रपति जो बाइडन रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन पर जमकर बरसे। बाइडन ने कहाकि पुतिन एक संस्कृति को खत्म करने में लगे हैं। अमेरिकी प्रेडीडेंट ने कहाकि यह केवल यूरोप का मुद्दा नहीं है, बल्कि ग्लोबल मुद्दा है।
जो बाइडन ने कहाकि रूस ने यूक्रेन पर गेहूं निर्यात करने की पाबंदी लगा दी है , जिससे पूरी दुनिया में भोजन संकट पैदा हो सकता है। बाइडन ने पुतिन को वॉर्निंग देते हुए कहाकि रूस युद्ध को जितना लंबा खीचेगा, हम यूक्रेन की और मदद करेंगे।
क्वाड की बैठक में भारतीय पीएम मोदी ने कहाकि कम समय में ही क्वॉड ने विश्व में अपना अहम मुकाम तय किया है। पीएम मोदी ने भारत का जिक्र करते हुए कहाकि कोरोना की प्रतिकूल स्थिति के बावजूद, हमने वैक्सीन वितरण, जलवायु कार्रवाई, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, आपदा प्रतिक्रिया, आर्थिक सहयोग और अन्य क्षेत्रों के लिए अपना समन्वय बढ़ाया है। इसने इंडो-पैसिफिक में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित की है।
क्वाड लीडर्स समिट में जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने कहाकि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित सिद्धांतों को पूरी तरह से चुनौती देता है। किशिदा ने कहाकि हमें आसियान, दक्षिण एशिया के साथ-साथ हिंद प्रशांत देशों की आवाजों को ध्यान से सुननी चाहिए, ताकि सहयोग को और आगे बढ़ाया जा सके, जो कि तत्काल मुद्दों को हल करने के लिए अनुकूल हो।
उधर ऑस्ट्रेलिया ने नए पीएम एंथनी अल्बानीज ने कहाकि उनकी सरकार क्वाड देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। नई ऑस्ट्रेलियाई सरकार जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने और आर्थिक, साइबर, ऊर्जा, स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा के माध्यम से एक अधिक फ्लेक्सिबल हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण को प्राथमिकता देती है।
बता दें कि क्वाड सम्मेलन में जापान के अलावा , ऑस्ट्रेलिया , इंडिया और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। ये संगठन आपसी संबंधों के साथ ही विश्वव्यापी समस्याओं पर नजर रखने के साथ ही उपाय ढूंढ़कर आगे बढ़ने के लिए है।