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RSS Dress: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा लगातार विवादों में है। केरल में इस यात्रा के दूसरे दिन यानी 12 सितंबर को कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट से खाकी की एक निक्कर की तस्वीर शेयर की। इसमें लिखा- देश को नफ़रत से मुक्त कराने में 145 दिन बाकी हैं।
RSS Dress: इस पर RSS ने कहा- इनके बाप-दादा ने संघ का बहुत तिरस्कार किया, लेकिन संघ रुका नहीं। वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस पर सिख विरोधी दंगे भड़काने का आरोप लगाया है।
RSS Dress: कांग्रेस की इस पोस्ट में खाकी का निक्कर एक कोने से जल रहा है। नीचे लिखा है, ‘145 दिन बाकी हैं।’ फोटो के साथ कांग्रेस ने कैप्शन दिया है- ‘देश को नफरत के चंगुल से मुक्त कराने और बीजेपी-RSS के डैमेज की भरपाई के हमारे लक्ष्य पर हम धीरे-धीरे पहुंच ही जाएंगे।’
RSS Dress: RSS के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने सोमवार को रायपुर में इसका जवाब दिया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे लोगों को नफ़रत से जोड़ना चाहते हैं। उनके बाप-दादा ने संघ का तिरस्कार किया और अपनी पूरी ताकत के साथ संघ को रोकने का प्रयास किया, लेकिन संघ रुका नहीं, संघ लगातार बढ़ रहा है।
इसके बाद बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस को निशाने पर ले लिया। साउथ बेंगलुरु से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या, असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा, दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा समेत कई नेताओं ने कहा कि आखिर कांग्रेस मान ही गई कि वही देश जलाती है।
RSS Dress: साउथ बेंगलुरू से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, ‘कांग्रेस ने 1984 में दिल्ली को आग लगाई। कांग्रेस के ईको सिस्टम ने 2002 में गोधरा में 59 कार सेवकों को जिंदा जला दिया। आज एक बार फिर इन्होंने हिंसा का आह्वान किया है। राहुल गांधी भारत सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं और उनके नेतृत्व में कांग्रेस ऐसी पार्टी हो गई है जिसे संवैधानिक तरीकों में भरोसा ही नहीं रह गया है।’
कांग्रेस ने 7 सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। 150 दिन की इस यात्रा में कांग्रेस कन्याकुमारी से कश्मीर तक का सफर करेगी। फिलहाल कांग्रेस ने तमिलनाडु की यात्रा की है और अभी केरल की यात्रा के दूसरे दिन पर है।
RSS Dress: 7 सितंबर 2022 से कांग्रेस ने कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की शुरुआत की। 12 राज्यों से होकर गुजरते हुए करीब 3,500 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इस यात्रा का नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब भारतीय राजनीति में कोई पदयात्रा या रथयात्रा कर रहा हो।
1930 में महात्मा गांधी के दांडी मार्च ने पद यात्राओं की राजनीतिक शक्ति का दुनिया को अहसास कराया। वहीं, 1990 में लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा से BJP, कांग्रेस के बाद भारत में दूसरी बड़ी राजनीतिक ताकत बन गई।