Television Watch: भारत में टीवी पर मर्दों का राज, औरतें पीछे, बिहार में 70% महिलाएं नहीं देखतीं टीवी, झारखंड में भी पिछड़ीं

Television Watch: भारत में टीवी पर मर्दों का राज कायम है, वहीं टेलीविजन देखने में औरतें पीछे हैं। बिहार में 70 फीसदी महिलाएं टीवी नहीं देखती हैं।

Television Watch: NFHS के आंकड़े बताते हैं कि भारत में टीवी देखने के मामले में पुरुष, महिलाओं से कहीं आगे हैं। NFHS-5 के अनुसार देश के 55.9% पुरुष टीवी देखते हैं, जबकि टीवी देखने वाली महिलाएं 53.5% ही हैं।

NFHS-5 के ये आंकड़े 2019-2021 के बीच के हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि टीवी देखने का ये ट्रेंड कोई नया है।

NFHS-3 के आंकड़े 2005-06 के हैं। और ये बताते हैं कि 15-16 पहले तो टीवी देखने के मामले में पुरुष और भी ज्यादा आगे थे। उस दौर में 63.2% पुरुष टीवी देखते थे, जबकि टीवी देखने वाली महिलाएं 55% थीं।

Television Watch: गौर ककरें तो पहला नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 1992-93 में हुआ था। इस सर्वे में लोगों की आर्थिक स्थिति को आंकने के लिए ये आंकड़ा जुटाया जाता है कि टीवी कितने घरों में है।

ताजा सर्वे यानी 2019-2021 के दौरान ये सवाल भी जोड़ा गया कि कभी इंटरनेट इस्तेमाल किया है या नहीं। हफ्ते में कम से कम एक बार टीवी देखना टीवी एक्सपोजर माना जाता है। इसी आंकड़े में पुरुष ज्यादा हैं। यानी देश में ऐसी महिलाएं ज्यादा हैं जो हफ्ते में एक बार भी टीवी नहीं देखती हैं।

1992-93 में देश के मुश्किल से 20% घरों में ही टीवी थे, जबकि 2019-21 आते-आते 63% घरों में टीवी पहुंच चुका था।

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Television Watch: शहरों के साथ ही गांवों में भी टीवी रखने वाले घरों की संख्या तेजी से बढ़ी है। समाजशास्त्री मानते हैं कि टीवी वाले घरों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन टीवी देखने वाले कम हो गए हैं क्योंकि इंटरनेट की आसान उपलब्धता ने लोगों की व्यूअरशिप के तरीके को बदला है।

1992-93 यानी NFHS-1 के समय देश में 31.8% महिलाएं ऐसी थीं जो हफ्ते में कम से कम एक बार टीवी देखती थीं। यानी 68.2% महिलाएं टीवी देखती ही नहीं थीं।

1998-99 यानी NFHS-2 के समय तक हफ्ते में कम से कम एक बार टीवी देखने वाली महिलाओं की तादाद 45.7% तक पहुंच गई।

2015-16 तक देश की 71% से ज्यादा महिलाओं की टीवी तक पहुंच बन गई। मगर आश्चर्यजनक रूप से 2019-21 के सर्वे में ये तादाद घटकर 53% के आस-पास रह गई।

NFHS-5 के दौरान भारत के सभी 36 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में पुरुषों और महिलाओं का टीवी एक्सपोजर देखा गया।

राष्ट्रीय औसत बताता है कि टीवी देखने वाले पुरुष 55.7% और महिलाएं 53.5% हैं। राष्ट्रीय औसत में पुरुष आगे जरूर हैं, लेकिन सर्वे में शामिल 36 में से 20 राज्य/संघ शासित प्रदेशों में टीवी देखने वाले पुरुष कम और महिलाएं ज्यादा हैं। सिर्फ 16 राज्य/संघ शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां टीवी देखने वाले पुरुषों की तादाद महिलाओं से ज्यादा है।

20 राज्यों में महिलाएं टीवी देखने में आगे हैं, जो कि राष्ट्रीय औसत से कम है।

जम्मू-कश्मीर, बिहार, महाराष्ट्र, लद्दाख और मिजोरम जैसे कुछ इलाके ऐसे हैं जहां पुरुषों और महिलाएं के टीवी एक्सपोजर में बहुत ज्यादा गैप है।

बिहार में भी 38% से भी ज्यादा पुरष आबादी टीवी तक पहुंच रखती है, मगर टीवी देखने वाली महिलाएं 27% के आसपास ही हैं।

टीवी देखने के मामले में गोवा सबसे आगे है। यहां औसतन करीब 90% आबादी हफ्ते में कम से कम एक बार टीवी देखती है। हालांकि इसमें भी पुरुष ज्यादा हैं।

गोवा में 85% महिलाएं टीवी तक पहुंच रखती हैं, जबकि 93.5% पुरुष हफ्ते में कम से कम एक बार टीवी देखते हैं।

वहीं बिहार और झारखंड में औसतन 32% लोगों की ही टीवी तक पहुंच है। आश्चर्यजनक ये है कि इतनी कम पहुंच में भी पुरुषों का एक्सपोजर ही ज्यादा है।

झारखंड में करीब 29% महिलाएं टीवी देखती हैं, जबकि ऐसे पुरुष 34% से ज्यादा हैं। बिहार में टीवी देखने वाली महिलाएं 27% तो पुरुष 38% के आसपास हैं।

भारत में टीवी वाले घरों की संख्या लगातार बढ़ी है। औसतन देश के 67.8% घरों में टीवी है। 66.7% घरों में कलर टीवी है और 2.3% घरों में अभी तक ब्लैक एंड व्हाइट टीवी है।

शहरों की बात करें तो 86% घरों में कलर टीवी हैं और 2.2% घरों में ब्लैक एंड व्हाइट टीवी हैं। जबकि गांवों के 57.1% घरों में कलर और 2.3% घरों में ब्लैक एंड व्हाइट टीवी हैं।

इसके बावजूद सिर्फ 55% पुरुष और 53% महिलाएं ही हफ्ते में कम से कम एक बार टीवी देख रहे हैं। ये आंकड़ा 2005-06 में 77% से ज्यादा पहुंच गया था।

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